वर्ल्ड कप में टीम इंडिया ने चैंपियन की तरह आगाज किया। दबावों से भरे मैच में 76 रनों से शानदार जीत, टीम इंडिया के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं होगी। एडिलेड में पाकिस्तान के खिलाफ टीम इंडिया के खिलाड़ियों का बॉडी लैंग्वेज बेहद सकारात्मक लग रहा था। शुरू में रोहित शर्मा का विकेट गिरने से थोड़ा झटका लगा लेकिन विराट कोहली और शिखर धवन ने सधी हुई पारी खेली। फिर रैना के साथ मिलकर कोहली ने ये दिखा दिया कि भारतीय बल्लेबाजों को शेर क्यों किया जाता है। रैना की आक्रमकात देखने लायक थी। हालांकि कोहली और रैना के आउट होने के बाद बाकी बल्लेबाज वो नहीं कर पाए, जो उन्हें करना चाहिए था। लेकिन एक सम्मानजन स्कोर पर जरूर ले गए। आगे इस कमी को पूरा करना होगा।
भारत - पाकिस्तान के बीच मैच में मैदान में उतरते ही दोनों टीम की खिलाड़ियों पर जीतने का मनोवैज्ञानिक दबाव रहता है। इस दबाव के बीच धोनी अपने टीम को समेट कर रखने में कामयाब रहे। पहले बल्लेबाजों ने दम दिखाया। फिर गेंदबाजों ने बेहतर गेंद फेंकी। वर्ल्ड कप में एक बार फिर पाकिस्तान की टीम बिखर गई।
भारत के लिए ये जीत बेहद अहम है। पहले मैच में ही बड़े अंतर से जीत। वो भी पाकिस्तान के खिलाफ। शानदार जीत से टीम इंडिया के हौसले काफी बुलंद होंगे। ये मैच टीम इंडिया के आगे की राह थोड़ी आसान कर देगी। क्योंकि पिछले कुछ दिनों से ड्रेसिंग रूम से लेकर मैदान तक टीम इंडिया के हालात बेहत नहीं रहे हैं । 2 महीने पहले ही ऑस्ट्रेलिया में ही ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड दोनों टीमों से करारी शिकस्त खा चुकी है। बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में धोनी के धुरंधर धारशाही हो गए।
धोनी ने टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ दी। फिर भी वन डे में हालात नहीं सुधरे। बीच-बीच में टीम में मनमुटाव की खबर भी आती रहती है। वर्ल्ड कप के लिए जब टीम इंडिया का चुनाव हुआ था, तो भी टीम पर सवाल उठे थे। प्रैक्टिस मैच में भी टीम पूरी तरह से फेल हो गई थी।
क्षमता और आपसी रिश्ते को लेकर सवालों में घिरी टीम इंडिया के सामने चैंपियन का ताज बचाने की बड़ी चुनौती है। धोनी के धुरंधर को आगे बड़े मैच खेलने हैं। अगला ही मैच दक्षिण अफ्रीका से होगा। फिर सामने न्यूजीलैंड होगा। फिर ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड जैसी धाकड़ टीम होगी। जिससे निपटना आसान नहीं है। फिर भी पहले ही मैच में पाकिस्तान जैसे प्रतिद्वंदी को जिस तरह से सभी खिलाड़ियों ने मिलकर पटखनी दी ये बड़े ही सकारात्मक संकेत देते हैं। बेशक इससे पूरी टीम का मनोबल बढ़ेगा।
भारत - पाकिस्तान के बीच मैच में मैदान में उतरते ही दोनों टीम की खिलाड़ियों पर जीतने का मनोवैज्ञानिक दबाव रहता है। इस दबाव के बीच धोनी अपने टीम को समेट कर रखने में कामयाब रहे। पहले बल्लेबाजों ने दम दिखाया। फिर गेंदबाजों ने बेहतर गेंद फेंकी। वर्ल्ड कप में एक बार फिर पाकिस्तान की टीम बिखर गई।
भारत के लिए ये जीत बेहद अहम है। पहले मैच में ही बड़े अंतर से जीत। वो भी पाकिस्तान के खिलाफ। शानदार जीत से टीम इंडिया के हौसले काफी बुलंद होंगे। ये मैच टीम इंडिया के आगे की राह थोड़ी आसान कर देगी। क्योंकि पिछले कुछ दिनों से ड्रेसिंग रूम से लेकर मैदान तक टीम इंडिया के हालात बेहत नहीं रहे हैं । 2 महीने पहले ही ऑस्ट्रेलिया में ही ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड दोनों टीमों से करारी शिकस्त खा चुकी है। बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में धोनी के धुरंधर धारशाही हो गए।
धोनी ने टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ दी। फिर भी वन डे में हालात नहीं सुधरे। बीच-बीच में टीम में मनमुटाव की खबर भी आती रहती है। वर्ल्ड कप के लिए जब टीम इंडिया का चुनाव हुआ था, तो भी टीम पर सवाल उठे थे। प्रैक्टिस मैच में भी टीम पूरी तरह से फेल हो गई थी।
क्षमता और आपसी रिश्ते को लेकर सवालों में घिरी टीम इंडिया के सामने चैंपियन का ताज बचाने की बड़ी चुनौती है। धोनी के धुरंधर को आगे बड़े मैच खेलने हैं। अगला ही मैच दक्षिण अफ्रीका से होगा। फिर सामने न्यूजीलैंड होगा। फिर ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड जैसी धाकड़ टीम होगी। जिससे निपटना आसान नहीं है। फिर भी पहले ही मैच में पाकिस्तान जैसे प्रतिद्वंदी को जिस तरह से सभी खिलाड़ियों ने मिलकर पटखनी दी ये बड़े ही सकारात्मक संकेत देते हैं। बेशक इससे पूरी टीम का मनोबल बढ़ेगा।
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