शनिवार, 9 फ़रवरी 2013

अफजल को फांसी और बीजेपी के सवाल


देश की सबसे बड़ी पंचायत पर आतंकी हमले के साजिशकर्ता को आखिरकार सजा दे दी गई। आतंकी अफजल गुरू को फांसी पर लटका दिया गया। जिस तरह अफजल ने गोपनीय तरीके से संसद पर हमले की साजिश रची थी, वैसे ही गुपचुप तरीके से उसे तिहाड़ में फांसी पर लटकाकर वहीं गाड़ दिया गया।  

12 साल लंबा इंतजार खत्म हुआ। शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि मिली। जो लोग कांग्रेस पर आतंकवाद को लेकर राजनीति करने का आरोप लगा रहे थे, उन्हें जवाब देने के लिए सरकार ने रास्ता निकाला। लेकिन इसी रास्ते से निकलकर एक रास्ता राजनीति की ओर चल पड़ी। जिसका निशाना सीधे-सीधे कांग्रेस की ओर है।

राजनीति में आरोप कभी खत्म नहीं होते। सवाल दर सवाल की फेहरिस्त कम नहीं पड़ती। किसी भी सवाल का जवाब कभी मुकम्मल नहीं होता। यही कारण है कि कांग्रेस विरोधी पहले तो सरकार पर अफजल की फांसी टालने का आरोप लगा रहे थे। लेकिन जब आतंकी गुरू को फांसी दे दी गई, तो अब उसके वक्त को लेकर सवाल उठा रहे हैं।

दरअसल 20 जनवरी को जयपुर में गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे हिन्दू आतंकवाद का नाम लेकर बेवजह मुश्किल में फंस गए थे। बीजेपी ने कड़ा एतराज जताया। सड़क पर उतरी और संसद में हल्ला बोलने का एलान कर दिया। गृह मंत्री की जुबान से परेशान कांग्रेस ने भी उनसे पल्ला झाड़ लिया। और ठीक उसके एक दिन बाद 21 जनवरी को आतंकी अफजल गुरू को फांसी पर लटकाने की अंतिम प्रक्रिया शुरू हो गई। और 19 दिनों के भीतर 9 फरवरी को पौ फटने से पहले ही वो सारी प्रक्रिया खत्म कर ली गई। 

22 फरवरी से संसद का बजट सत्र शुरू होनेवाला है। बीजेपी पहले ही सुशील कुमार शिंदे का बायकॉट करने का ऐलान कर चुकी है। ऐसे में सरकार ने अफजल गुरू को फांसी पर लटकाकर मास्टर स्ट्रॉक खेला है। लेकिन बीजेपी यहां भी कांग्रेस पर सवाल उठा रही है।

चुनावी साल है। कांग्रेस को लेकर आमलोगों के बीच जो छवि है, वो अच्छी नही है। महंगाई, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था से लेकर हर एक मोर्चे पर कांग्रेस बैकफुट पर है। सरकार की दलील लोगों के गले नहीं उतरती है। और ये बात कांग्रेस भी अच्छी तरह जानती है। यही कारण है कि सरकार अब उस मुद्दे को पकड़ने की कोशिश कर रही है, जो सीधे तौर पर लोगों के दिल से जुड़े हुए हैं।

कांग्रेस अपनी रजनीति साधने में जुटी हुई है। तो बीजेपी कांग्रेस पर फांसी के वक्त के जरिए निशाना साध रही है। क्योंकि जिस अफजल की फांसी के मुद्दे पर बीजेपी कांग्रेस को लगातार घेर रही थी, वो मुद्दा अब उसके हाथ से निकल चुका है। 

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