जमीन के जंजाल से उबरे भी नहीं थे कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय
अध्यक्ष नितिन गडकरी कंपनी में फर्जीवाड़े के आरोप में कटघरे में हैं । टाइम्स ऑफ इंडिया
की माने तो गडकरी ने अपनी कंपनी में चपरासी, ड्राइवर, बेकर से लेकर ज्योतिषी तक को डायरेक्टर बना
दिया है । वाड्रा, वीरभद्र और खुर्शीद को लेकर फजीहत झेल रही
कांग्रेस को भी हल्ला बोलने का मौका मिल गया है । इधर पार्टी के भीतर से भी गडकरी को
लेकर सवाल उठने लगे हैं । संघ ने भी पल्ला झाड़ लिया है । ऐसे में सवाल उठता है कि
क्या नितिन गडकरी को अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिए ।
देशभर में भ्रष्टाचार को लेकर कंग्रेस की किचकिच हो रही है । एक के बाद
एक यूपीए के मंत्री पर घोटालों के आरोप लग रहे हैं । बीजेपी भ्रष्टाचार और महंगाई को
हथियार बनाकर यूपीए सरकार पर वार कर रही है । ऐसे में अगर नितिन गडकरी अपने ऊपर लगे
आरोप गलत साबित होने तक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हैं या फिर
दोबारा अध्यक्ष बनने से इनकार करते हैं तो
इससे न सिर्फ बीजेपी का बल्कि गडकरी का भी साख बढ़ेगा । पार्टी को कांग्रेस के खिलाफ
भ्रष्टाचार के जरिए वार करने में और मजबूती मिलेगी ।
जिस तरह से कांग्रेस के नेता
और मंत्री पुख्ता आरोपों के बावजूद न तो अपनी कुर्सी छोड़ रहे हैं और न ही जांच के
लिए तैयार हैं, ऐसे में गडकरी के इस्तीफे से बीजेपी
के नेता और आसानी से कांग्रेस पर वार कर सकते हैं । बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन
गडकरी के इस फैसले का गुजरात और हिमाचल प्रदेश
में होनेवाले चुनाव के अलावा 2014 में होनेवाले लोकसभा चुनाव में भी फायदा मिल सकता
है ।
गडकरी इस्तीफा
देकर न सिर्फ विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब दे सकते हैं, बल्कि पार्टी के भीतर जो विरोधी हैं उनका मुंह भी बंद कर सकते हैं । क्योंकि पिछले
कुछ दिनों से पार्टी के भीतर से भी गडकरी को लेकर सवाल उठने लगे हैं । रामजेठ मलानी
ने तो बकायदा इस्तीफे की मांग कर दी है ।
बीजेपी को भी इस पर गंभीरता से सोचना चाहिए । अगर
गडकरी इस्तीफा नहीं देते हैं तो आखिर बीजेपी किस मुंह से कांग्रेस नेताओं से
इस्तीफा मांगेगी । क्या दलील देकर कांग्रेस नेताओं की जांच की मांग करेगी । क्योंकि
इस्तीफा देने से पार्टी के पास विरोधियों और मीडिया को देने के लिए जवाब होगा । अगर नितिन गडकरी अब भी आरोपो को चिल्लर बताते रहेंगे तो आगामी चुनाव में जब पार्टी चिल्लर बनकर सामने आएगी, तो न ही गडकरी के पास जवाब होगा और न ही बीजेपी के पास ।
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