शनिवार, 6 अक्तूबर 2012

फ्रंट फुट पर बीजेपी


बिहार में बीजेपी और जदयू गठबंधन की गांठ ढिली होने लगी है । इस बार चोट भारतीय जनता पार्टी ने मारी है । पिछले सात बरस में पहली बार भारतीय जनता पार्टी फ्रंट फुट पर खेल रही है और जनता दल यूनाइटेड के नेता ऑफेंसिव हैं । पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने के संकेत दिए तो उसके ठीक बाद बीजेपी के एक सांसद ने राज्य सरकार के कामकाज पर ही सवाल उठा दिया । और अब नरेन्द्र मोदी को पटना बुलाने की तैयारी है ।
याद कीजिए, जब नीतीश कुमार और नरेन्द्र मोदी की तस्वीर प्रचार के तौर पर अखबार के आखिरी पन्ने पर छपी थी, तो नीतीश कुमार ने भोज स्थगित कर दिया था । जदयू के नेता गठबंधन तोड़ने की बात कहते फिर रहे थे और बीजेपी नेताओं के पास जवाब नहीं था । बिहार विधान सभा में नरेन्द्र मोदी के चुनाव प्रचार करने को लेकर जदयू ने दो टूक कह दिया था कि अगर चुनाव साथ लड़ना है तो मोदी को प्रचार नहीं करने देंगे । जब प्रधानमंत्री के तौर पर एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री के उम्मीदवार का नाम तय करने की बात हुई, तब भी जदयू धमकाता रहा । देश के बेहतर सीएम को लेकर हुई जुबानी जंग में नीतीश कुमार से लेकर जदूय के अदना नेता तक बीजेपी के सबसे सफल सीएम पर ऊंगली उठाते रहे । और राष्ट्रपति चुनाव में तो बकायदा ठेंगा ही दिखा दिया । लेकिन बीजेपी आलाकमान हमेशा अफेंसिव मूड में रहा । हालांकि ये बात प्रदेश बीजेपी के कुछ नेताओं को अखरता जरूर था । वो सरकार में मंत्री रहते हुए भी सवाल-जवाब करते रहे लेकिन आलाकमान के दबाव में चुप्पी साध लेते थे ।
 लेकिन कहते हैं कि सही वक्त पर सही चाल चलना ही असल राजनीति की पहचान होती है । और बीजेपी ने यही किया ।  बीजेपी नेताओं की ओर से तमाम बयान उस वक्त आ रहे हैं, जब बतौर सीएम नीतीश कुमार सबसे मुश्किल दौर में हैं । विकास पुरूष के नाम से मशहूर नीतीश कुमार की ऐसी किचकिच कभी नहीं हुई थी ।  प्रदेशभर में नीतीश कुमार का विरोध हो रहा है । और यात्रा के दौरान विरोध के जवाब में नीतीश कुमार का खिसियानी बयान, उनका गुस्सा, पार्टी  गले की हड्डी बन गई है । इतना ही नहीं , नीतीश की यात्रा के जवाब में लालू भी यात्रा पर हैं । वो सरकार की पोल पट्टी खोल रहे हैं ।  और इसी मौके का फायदा उठाकर बीजेपी ने चोट मारी है । लगे हाथ हुंकार रैली का भी एलान कर दिया है ।
 और इस सब के बीच अगर पूर्णिया के बीजेपी सांसद उदय सिंह भ्रष्टाचार के जरिए सरकार पर सवाल उठाते हैं । रैली करते हैं । टीवी चैनल पर सरकार के खिलाफ बोलते हैं और सरकार में शामिल बीजेपी अपने सदस्य से किसी तरह का सवाल जवाब नहीं करती है तो इसका सीधा मतलब निकाला जा सकता है कि कहीं न कहीं इसे आलाकमान से मौन सहमति है । यानी यानी जिस भ्रष्टाचार और महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस को बीजेपी घेर रही है, उसे वो बिहार में भी जिंदा रखना चाहती है, ताकि समय आने पर इसका इस्तेमाल किया जा सके । जदयू से अलग होकर चुनाव लड़ना पड़े तो भ्रष्टाचार के तीर से ही सरकार पर वार किया जा सके ।  

2 टिप्‍पणियां:

  1. हमारे नेता कुछ भी करें, लिखने का बहाना दे देते हैं। बेहद सटीक शब्दों का चयन किया है आपने। प्रभावित करते लेख के लिए शुभकामना

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  2. सटीक आलेख !

    दुर्गा भाभी को शत शत नमन - ब्लॉग बुलेटिन आज दुर्गा भाभी की ११० वीं जयंती पर पूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम और पूरे ब्लॉग जगत की ओर से हम उनको नमन करते है ... आपकी यह पोस्ट भी इस प्रयास मे हमारा साथ दे रही है ... आपको सादर आभार !

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