क्रिकेट में स्पॉट
फिक्सिंग के आरोप में जिन तीन क्रिकेटरों को गिरफ्तार किया गया है, उसमें सबसे
ज्यादा चर्चा श्रीसंत की हो रही है। स्वभाविक है, श्रीसंत वर्ल्डकप विजेता टीम के
हिस्सा रह चुके हैं। श्रीसंत टेस्ट खिलाड़ी रह चुके हैं। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट
में श्रीसंत का कद इतना तो जरूर है, जिसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। लेकिन
इस सबसे अलग मेरी नजर बाकी दो क्रिकेटरों पर है। जिनके नाम अंकित चव्हाण और अजीत
चंदीला है। ये अलग बात है कि इन दोनों की क्रिकेट में कोई खास पहचान नहीं है। अन्तर्राष्ट्रीय
स्तर पर लोग इन्हें नहीं जानते हैं। लेकिन एक बात है जो फिक्सिंग की दुनिया में
इन्हें खास बनाती है। वो है इनके नाम।
दरअसल दोनों के नाम
की शुरुआत ‘अ’ अक्षर से होता है। और
स्पॉट फिक्सिंग में भारतीय खिलाड़ियों की लिहाज से ‘अ’ अक्षर विशेष महत्व रखता है। क्योंकि इन तीनों के
अलावा जिस क्रिकेटर पर आईपीएल में फिक्सिंग का शक है, उसका नाम भी ‘अ’ अक्षर से ही शुरू
होता है। (आजिंक्य रहाणे)
इसके अलावा पुलिस ने अमित सिंह नाम के शख्स को गिरफ्तार किया
है, जो कभी गुजरात की रणजी टीम का हिस्सा था। आईपीएल खेल चुका है।
लेकिन बेहतर क्रिकेटर नहीं बन पाया तो सट्टेबाज और क्रिकेटर का दलाल बन गया।
इसे इत्तेफाक कहिए
या कुछ और। लेकिन उसका नाम भी ‘अ’ अक्षर से ही शुरू होता है।
स्पॉट फिक्सिंग,
भारतीय क्रिकेट और ‘अ’ अक्षर का बेजोड़
समीकरण है। क्योंकि इससे पहले भी दावत, दौलत, औरत और शोहरत
के चक्कर में जेंटलमैन खेल को शर्मसार करने का आरोप जिन दिग्गजों पर लगा उनके नाम
भी ‘अ’ अक्षर से ही शुरू होता है।
टीम इंडिया के सबसे
बेहतरीन कप्तान अहजरूद्दीन का कैरियर इसी फिक्सिंग की बजह से बर्बाद हुआ। अजहर पर
दक्षिण अफ्रिका के खिलाफ मैच फिक्सिंग का आरोप लगा। उन्हें टीम से निलंबित कर दिया
गया। क्रिकेट खेलने पर ताउम्र प्रतिबंध लग गया। हालांकि बाद में ये प्रतिबंध हटा।
लेकिन जब तक वो खुद को बेकसूर साबित करते, तब तक उनका कैरियर खत्म हो चुका था।
कमोबेश ऐसा ही आरोप
अपने जमाने के सबसे बेहतर बल्लेबाज अजय जडेजा पर लगा था। अजय का क्रिकेट जब पूरे
फॉर्म में था, तभी उनपर भी फिक्सिंग का दाग लगा। जडेजा का कैरियर भी खत्म हो गया।
दोनों दिग्गजों के
नाम की शुरूआत ‘अ’ अक्षर से ही होता
है।
जिस दौर में
अहजरूद्दीन और अजय जडेजा पर फिक्सिंग का आरोप लगा था, उस समय एक और खिलाड़ी था, जो
फिक्सिंग के फांस में फंसा था। उसका भी नाम ‘अ’ अक्षर से शुरू होता है। नाम है अजय शर्मा। चूकि
अजय शर्मा का कद अजहर और जडेजा के बराबर नहीं था, लिहाजा उनके नाम की जर्चा ज्यादा
नहीं हुई।
क्रिकेट की कलंक कथा
का सबसे काला अध्याय है फिक्सिंग। एक ऐसा पाप जिसने जेंटलमैन खेल को शर्मसार कर
दिया। इसमें ‘अ’ अक्षर के क्रिकेटरों
का पूरा योग्दान है। मेरा नाम भी अक्षर से ही शुरू होता है। लेकिन राहत की बात ये
है कि मैं क्रिकेटर नहीं क्रिकेट प्रशंसक हूं।
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