सीएम नीतीश जी,
आपके लाखों समर्थक चाहते हैं कि आप न्याय करेंगे। एक धर्मनिर्पेक्ष नेता होने के नाते उन इंडियन मुजाहिद्दीन के कथित
आतंकी नौजवानों के पक्ष में केस लड़ें, जिन्हें पटना में बम प्लांट करने के आरोप
में गिरफ्तार किया गया है। आप से उम्मीद की जाती है कि आप एनआईए और बिहार पुलिस को
सख्त निर्देश देंगे कि बिहार की राजधानी को दहलाने के आरोप में जिन्हें गिरफ्तार
किया गया है उनसे कस्टडी में जरूरत से ज्यादा पूछताछ ना हो। उन लड़कों से सख्ती ना बरती
जाए।
आपका दिल बहुत बड़ा सीएम साहब। आप उन नौजवानों को जरूर बचाइएगा। उसके
घरवालों से पूछिये। उसके चाहनेवालों से पूछिए। बताएंगे कि वे कथित आतंकी नौजवान
निर्देष हैं। मैं जानता हूं सर, आपका दिल कहे या ना कहे लेकिन आपका दिमाग जरूर ये
कह रहा होगा कि 22 साल, 25 साल के ये नौजवान आतंकी नहीं हो सकते। ये सब साजिश है।
उसी सफेद दाढ़ीवाले नेता की चाल है। जिसने 2002 में खून खराबा करवाया था। जो खुद
प्रधानमंत्री बनने के लिए आपके ‘अरमानों’ पर पानी फेर दिया था। खैर छोड़िये, पीएम
बनने-बनाने की चर्चा किसी दूसरी चिट्ठी में करेंगे। इस चिट्ठी में तो हम सर आपसे
यही अनुरोध करेंगे कि उन नौजवानों को जरूर न्याय दिलाइएगा सर।
आप अभी तक गिरफ्तार आतंकियों के खिलाफ कुछ ना बोलकर इस बात का प्रमाण
दे चुके हैं कि आप उनके लिए कुछ कर रहे हैं। अच्छी बात है। हमे उम्मीद है कि आप
जल्द उन गिरफ्तार कथित आतंकियों के परिवारवालों से जाकर मिलेंगे। अगर समय ना मिला
तो उन्हें अपने घर पर बुलाएंगे और उन्हें उनके बच्चों को बचाने का सांत्वना देंगे ।
लोक लाज की चिंता मत कीजिएगा। एक नेता के लिए वोट के आगे कुछ भी नहीं होता है।
हालांकि ये हम क्या बताएं। आपसे ज्यादा भला और कौन जान सकता ये बात।
एक आतंकी का तो चाचा ही आपका करीबी है। आपके पार्टी का नेता है। बताइए
तो सर आपकी पार्टी के नेता का भतीजा और भांजा कैसे आतंकी हो सकता है। आपके नये
दुश्मन ने आपके खिलाफ बड़ी साजिश की है।
सर, आप पर भरोसा है कि आप उन तमाम साजिश का मुंहतोड़ जवाब देंगे। 6
लोगों की हत्या करने, 82 लोगों को जख्मी करने और पटना में दहशत फैलाने के आरोप में
जिन्हें गिरफ्तार किया गया है, उसके लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ेंगे। उसे निर्दोष
साबित करेंगे । और जो ‘आपकी नजर’ में असली दोषी है,
उसको फांसी पर लटकाने की सजा दिलवाएंगे।
पूर्व गृहसचिव किसी मीडिया को बता रहे थे कि आपने कथित आतंकी यासिन
भटकल को बचाने के लिए भी यत्न किया था। आप ने भटकल जी की कस्टडी लेने से इनकार कर
दिया था। वाकई सर, अगर आपने सही में ऐसा किया तो धन्य हैं आप। धन्य है आपकी
राजनीति। कुछ दिन पहले की बात है, दूसरे राज्यों की पुलिस आकर जो आपके राज्यों से
आतंकियों को गिरफ्तार कर ले जाते थे, उस पर भी जो आपने ऊंची आवाज के साथ विरोध
दर्ज करवाया था, उसका तो कोई जवाब ही नहीं।
माफ कीजिएगा सर, चिट्ठी थोड़ी लंबी हो गई। क्या करें, आपने इन कथित
आंतकियों को लेकर इतने बड़े-बड़े महान काम किया है कि आपसे उम्मीदें काफी बढ़ गई
है। बाकी, राजनीति और पीएम बनने की बात दूसरी चिट्ठी में करेंगे।
- एक धर्मनिर्पेक्ष जनता
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