शनिवार, 7 जुलाई 2012

मैं बेटी हूं...

मैं बेटी हूं
प्यारी सी
नन्हीं सी
छोटी सी
सब मुझे
दुलारते हैं
पुचकारते हैं
गोद में बिठाते हैं
मेरे साथ खेलना चाहते हैं
मेरी मुस्कान पर, हंसते हैं
मेरी आह पर, तड़पते हैं
फिर क्यों मेरी ही जैसी
मेरी बहनों से
भेदभाव करते हैं
क्यों उन्हें
जन्म से पहले मार देते हैं ........ ?

1 टिप्पणी: