बुधवार, 27 मई 2015

ऐसे ही बोल गए सरदार जी!

सुबह सुबह सरदार जी के मोबाइल की घंटी बजी। ऊंघते, अंगड़ाई लेते हुए  मोबाइल उठाया। मैडम का नाम 
और नंबर देखते ही नींद और जम्हाई दोनों उड़ गई। इतनी सुबह मैडम का फोन देखकर चौंक गए। 

हेलो मैडम, गुड मॉर्निंग

गुडमॉर्निंग । क्या कर रहे हैं।

कुछ नहीं मैडम, अभी तो सो रहा था। 

आप सोते रहिए। 

मतलब मैडम।

मतलब, वतलब छोड़िए। कुछ बोलिएगा भी या नहीं। अभी भी मौनी बाबा बने रहिएगा।

बोल ही तो रहा हूं मैडम।

अरे यार, ये बोलना नहीं। सूटबूट की सरकार के खिलाफ कुछ बोलिएगा कि नहीं।

मैं क्यो बोलूं मैडम।

सही में आप रोबोट हैं। कुछ गैरत बची है कि नहीं। याद नहीं है किस तरह से कुर्सी से धकिया के भगाया था आपको। चुनाव से पहले क्या-क्या कहता था वो आपके बारे में। और आप हैं जो पूछ रहे हैं कि उसके बारे में क्या बोलें।
जी मैडम। अब समझ में आया। 

अगर समझ में आया तो जाइए। सालभर से तो कुछ बोला नहीं। शर्म आनी चाहिए आपको। कहीं आपने उससे सेटिंग-गेटिंग तो नहीं कर ली है। 

नहीं..नहीं..मैडम। बोलूंगा। आज जरूर बोलूंगा। 

ठीक है जाइए। सूटबूट सरकार के खिलाफ कुछ बोलिए जाकर।

सरदार जी पूरे ताव में आ गए। पीए को फोन लगाया। मीडिया वाले को बुलाने को कहा। रिकॉर्ड तोड़ती गर्मी के बीच भरी दोपहर में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। सूटबूट की सरकार की कमियां गिनाने लगे। कुछ नहीं सूझा तो बताया कि मेरा ही किया धरा है सब। फेकू प्रधानमंत्री सब मेरी योजनाओं की रीपैकेजिंग कर रहा है। जाते-जाते ये भी बता गए कि मैं भ्रष्ट नहीं हूं। 

टीवी चैनलों पर ब्रेकिंग चलने लगी। फोनो, चैट होने लगा। बहस होने लगा। खबर 7 रेसकोर्स तक पहुंची। उसके बाद पता नहीं क्या हुआ। शाम में सरदार जी पहुंच गए 7 रेसकोर्स। हाजिरी लगाने। 

आमने-सामने बैठे। बताने लगे। कि भैया भारी दबाव था। हम कुछ बोलना तो नहीं चाहते थे। लेकिन क्या करें। हम तो इधर से भी  फंसे हैं। उधर से भी फंसे हैं। कुछ समझ में नहीं आ रहा है। मैं क्या करूं। अगर आप रूठ गए हैं तो गलती मानता हूं। हाथ जोड़ता हूं। माफ कीजिएगा। 56 इंच का सीना है आपका। दिल भी बड़ा होगा। आप चतुर-चालाक भी हैं। सब समझते होंगे। आपके ऊपर किसी मैडम का दबाव नहीं है। जो चाहते हैं वो करते हैं। मेरे तो समझ में नहीं आ रहा है। आगे से कोशिश करूंगा कि मुझे आपके बारे में नहीं बोलना पड़े।

इतनी तारीफ सुनकर साहेब का सीना 65 इंच के करीब पहुंच गया। हल्की मुस्कान के साथ सरदार जी के हाथ को जोड़ से पकड़ लिया। मुस्कुराये। जब तक सरदार जी अपने घर पहुंचते, तब तक साहेब ने ट्वीट करवा दिया था कि मुलाकात अच्छी रही। 

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