बुधवार, 3 जून 2015

माय डियर मैगी...आई लव यू !

माय डियर मैगी। आई लव यू। तुमसे बिछड़ने का बहुत दर्द हो रहा है। पता नहीं तुम मेरी जिंदगी में कभी लौटकर आओगी या फिर कॉलेज वाली गर्लफ्रेंड की तरह हमेशा के लिए चली जाओगी। कसम से। जितना प्यार उससे करता था, उससे कहीं भी कम तुम से प्यार नहीं था मुझे। खाने के मामले में बीडीसी यानी भात-दाल-चोखा के बाद सबसे ज्यादा तुम से ही प्यार हुआ। 

यकीन मानो मैं डरपोक नहीं हूं। मैं तुम्हें खा-खाकर कई दिन बिताएं हैं। सही-सही याद नहीं है कि कब पहली बार तुमको देखा था। तुम्हें चखा था। तुमसे कब दोस्ती हुई। कब इश्क हो गया। कब तुम मेरी जिंदगी का हिस्सा बन गई। लेकिन जब इतनी बंदिशें लग जाए तो कोई क्या करे। सरकार तक पहड़ा देने लगी है।

एक- दो दिन नहीं कई रातें बीती थी तुम्हारे सहारे। जब बहुत थक जाता था तो तुम्हीं साथ देती थी। जब खाना बनाने का मन नहीं होता था तो तुम तैयार रहती थी। जब कभी जल्दबाजी में रहा तो तुमने साथ दिया। पटना में जब तक बैचलर रहा अटूट रिश्ता बन गया था तुम्हारे साथ। दिल्ली आया तो भी प्यार कम नहीं हुआ।

लोग कह रहे हैं कि तुम्हारे भीतर गंदगी है। बीमार करने वाली गंदगी। शायद शीशा की मात्रा ज्यादा बता रहे हैं। मुझे तो सबकुछ फरेब सा लग रहा है। तुम्हें मेरी जिंदगी से दूर करने की साजिश लग रही है। कैसे यकीन कर लूं मैं लोगों की बातों पर। जो मेरे खून में रच-बस गई है। सालों से तो कुछ नहीं हुआ मुझे। फिर कैसे एकाएक कह रहे हैं कि तुम बीमारी हो।

एक बात बताऊं। ये दुनिया बहुत फरेबी है। यहां के लोग झूठे हैं। बीमार हैं। गंदे हैं। इनसे किसी का मोहब्बत बर्दाश्त नहीं होता है। दुकानों से दूर कर दिया। 

एक राज़ की बात बताता हूं। तुम्हें बेइंतहा मोहब्बत करने की बड़ी वजह तुम्हारा कम खर्चीला होना था। तुम फटाफट तैयार भी हो जाती थी। तुम्हारी ये अदा बेहद पंसद थी मुझे। ये बातें किसी और में कहां है। सस्ता।जल्दी। और टिकाऊ वाली।

पता नहीं जांच में क्या निकलेगा। लेकिन दुआ करता हूं कि लोगों के आरोप झूठे हो। तुम बेदाग निकलो। सच्ची मोहब्बत की तरह। अगर सही में तुममें खामियां होगी तो बहुत दर्द होगा। इसलिए नहीं कि तुम मेरी जिंदगी से हमेशा के लिए चली जाओगी। इसलिए कि मैं जिससे इतना प्यार करता था, वो एक बार फिर फरेब निकली। कॉलेज वाली गर्लफ्रेंड की तरह।

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