बुधवार, 8 नवंबर 2017

GST तेरे कितने नाम !

गब्बर सिंह टैक्स, ग्रेट सेल्फिश टैक्स, गुड एंस सिम्पल टैक्स, गौ सेवा टैक्स । पता नहीं कितने नाम हैं GST के। नेताओं के बीच तो मानो जंग छिड़ी हुई है नामकरण को लेकर । इतनी मेहनत तो कोलंबस ने भी नहीं की होगी किसी देश को खोजने में, जितनी शिद्दत से हमारे माननीय GST का नया-नया नाम ढूंढने में जुटे है। सोते-जागते, उठते-बैठते, छोटा-बड़ा कमोबेश हर नेता GST के नाम के पीछे पड़ा है। जिसके मन में जो आ रहा है, वही जीएसटी का फुल फॉर्म गढ़ रहा है। जो जैसा चाह रहा है, वैसी व्याख्या कर रहा जीएसटी की। सौ मर्तबा सोचने के बाद GST का नया नाम ढूंढने वाले नेता ऐसे खुश हो रहे हैं, जैसे हड़प्पा संस्कृति की खोज की हो उन्होंने। GST के नाम पर नई विवेचना की है ममता बनर्जी ने। बंगाल वाली दीदी ने मोदी के जीएसटी को ग्रेट सेल्फिश टैक्स का नाम दिया है। ट्विटर पर उन्होंने लिखा कि ग्रेट सेल्फिश टैक्स लोगों को परेशान करने के लिए लगाया गया है, नौकरियां छीनने के लिए. व्यवसाय को चोट पहुंचाने के लिए लगाया गया। 

ममता बनर्जी से पहले राहुल गांधी ने अपने शब्दों का पिटारा खोलकर नया नाम दिया था जीएसटी का। जीएसटी को जरिए मोदी सरकार को विफलता की चोटी पर बिठाने वाले राहुल को गुजरात में फिल्म शोले याद आ गया था। राहुल जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बता रहे हैं। 

विपक्ष के सबसे बड़े विधाता ने जीएसटी को नया नाम दिया तो बाकी नेताओं में भी होड़ लग गई। लालू यादव, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी से लेकर हर दल के नेता ने अपनी रिसर्च टीम GST के नया नाम ढूंढने में लगा दिया। हालांकि देश के सबसे बड़े सुल्तान इसे साधारण शब्दों में गुड एंड सिम्पल टैक्स बता-बात कर लोगों को रटा रहे हैं। 

बात सियासी गलियारों से निकली तो सोशल मीडिया के आसमान में धुंध की तरह छा गई। लोगों की विलक्षण प्रतिभा के ऐसे-ऐसे नमूने देखने को मिले, जिसका अंदाजा भी नहीं होगा। किसी ने जीएसीट का फुल फॉर्म बताया- गई सरकार तुम्हारी तो किसी ने ग्रेट स्टूपिड टैक्स बताया। यानी जितने मुंह उतनी नाम। स्थिति तो ये है कि जीएसटी के नाम पर बेचारा गूगल भी कंफ्यूज हो गया है । मोदी के जीएसटी पर कुछ और नाम लिखता है। राहुल के जीएसटी पर कुछ और नाम। दूसरे नेताओं की जीएसटी पर कुछ और। हालांकि जीएसटी का असल फुल फॉर्म होता है गुड एंड सर्विस टैक्स। इसलिए सब कह रहे है कि हे जीएसटी ! तेरे कितने नाम।

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